मुंबई। साहित्यिक, सामाजिक,सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राष्ट्रीय दिव्यालय साहित्यिक पटल के तत्वाधान में आधुनिक संचार तंत्र के माध्यम से आभासी पटल पर 15 मई सोमवार 2023 को मातृ दिवस के उपलक्ष्य में चार बजे से विशिष्ट अतिथि आ.पुष्पा निर्मल,मुख्य अतिथि कवि एवं पत्रकार आ.विनय शर्मा दीप मुंबई,पटल संस्थापिका आ. व्यंजना आनंद मिथ्या के साथ-साथ पटल अध्यक्षा मंजरी निधि गुल की अध्यक्षता में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ आ. रीता लोधा के अतुल शंखनाद के साथ-साथ आ. सविता खंडेलवाल के दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।आ. सुषमा शर्मा ने अपनी सुमधुर वाणी में वागीश्वरी देवी की लाजवाब वंदना प्रस्तुत की, तत्पश्चात् विशिष्ट अतिथि आ. पुष्पा निर्मल ने सभी साधकों , पदाधिकारियों व गुरुजनों को आशीर्वचन देते हुये माँ पर शानदार अभिव्यक्ति दी। सविता खंडेलवाल ने माँ की अवर्णनीय विशिष्टताओं को दोहों के रूप में पिरोते हुये बेहतरीन व लाजवाब संचालन किया एवं विभिन्न प्रांतों के साहित्य मनीषियों को काव्यपाठ के लिये आमंत्रित किया।अनुराधा पारे,अंतिमा निर्मल, मनीषा अग्रवाल रक़्स, मनीषा अग्रवाल प्रज्ञा, ममता अग्रवाल,रश्मि मोयदे दीप्ति,ललिता अग्रवाल,मंजु बंसल,मंजुला शर्मा,मधु रूंगटा , कविता झा काव्या , सुचिता रूंगटा व सुषमा शर्मा ने विभिन्न छंदों के माध्यम से माता के प्रति अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये जिन्हें सुनकर सभी श्रोतागण भावविभोर हो उठे।मुख्य अतिथि आ. विनय शर्मा दीप ने सभी साधकों व साहित्यकारों का धन्यवाद करते हुये सभी रचनाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की। पटल संरक्षक व मुख्य समीक्षक आ. राजकुमार छापड़िया ने सभी साधकों के श्रम की सराहना करते हुये कहा कि माँ का प्यार अतुलनीय है जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता।पटल व कार्यक्रम अध्यक्षा आ. मंजरी निधि गुल ने सभी साधकों को बेहतरीन बताते हुये कहा कि माँ का आँचल कभी छोटा नहीं होता।वह अपने बच्चों की आँखों में आँसू नहीं देख सकती है।सभी साधक उत्कृष्ट श्रेणी के हैं जो विषम परिस्थितियों को भी पार करने की क्षमता रखते हैं।संस्थापिका व मुख्य पटल गुरु आ. व्यंजना आनंद मिथ्या ने उपस्थित सभी अतिथियों,पटल गुरुजनों,पदाधिकारियों व सभी साधकों को धन्यवाद देते हुये कहा कि दिव्यालय के सभी कार्यकर्ता,गुरुवर,साधक सभी अपने कार्य का बड़ी कुशलतापूर्वक निर्वहन कर रहे हैं।प्रतीत होता है कि सभी अपने कार्य के प्रति पूर्ण समर्पित हैं।संस्था मीडिया प्रभारी मंजुल बंसल ने बताया कि सभी के सहयोग से ही दिव्यालय सुचारु रूप से चल रहा है।निरंतर अभ्यास ही मनुष्य को किसी भी क्षेत्र में योग्य बनाता है। माँ ही सृष्टिकर्ता है,वही बच्चों को सुसंस्कृत बनाती है। माँ द्वारा दिये गये संस्कारों के आधार पर ही बच्चों का भविष्य निर्मित होता है,तदुपरांत मंजरी निधि गुल के सभी का धन्यवाद ज्ञापन करते हुये कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।
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