भाजपा नेता मनोज बारोट ने की जांच की मांग
वसई। नए साल के शुभ दिन पर एक निजी एसटीपी प्लांट में सफाई कर्मचारियों के साथ घटी यह घटना सच में दिल दहला देनेवाली है. इस घटना में 4 युवा कर्मचारियों ने अपनी जान गवाही है. इस घटना के बाद भाजपा वसई विरार जिला उपाध्यक्ष मनोज बारोट ने महानगरपालिका आयुक्त अनिल कुमार पवार को लिखित पत्र से अवगत कराते हुए बताया है की, आए दिन वसई विरार शहर महानगरपालिका के सफाई कर्मचारी, निजी सफाई कर्मचारी, नागरिक या ईमारत निर्माण करनेवाले मजदूरों की मौत की खबर सामान्य होती जा रही है ऐसा महसूस हो रहा है. इसलिए ऐसी घटनाएं कभी कभी यह बात सोचने को मजबूर करती है की, जैसे मनपा क्षेत्र में रहनेवाले नागरिक या काम करनेवाले मजदूरों की जिंदगी का कोई मोल ही नहीं है. इसलिए ऐसी घटनाएं स्थानिक प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा करनेवाली है. क्युकी आज विकसित भारत में बड़ी बड़ी तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध है, फिर भी इन तकनीकी सुविधाएं को छोड़ सफाई कर्मचारियो की जिंदगी से क्यू खिलवाड़ हो रहा है? इसी प्रकार सफाई कर्मचारी या निर्माण के कार्य कर रहे कर्मचारियों को लेबर कमिश्नर द्वारा तय की गई किसी भी प्रकार की सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाती. इतनी अप्रिय घटनाओं के बावजूद स्थानिक प्रशासन आंख मिचोली जैसा खेल क्यू खेल रहा है? यह सब से अहम सवाल है.
9 अप्रैल को घटी घटना के लिए मनपा प्रशासन प्रत्यक्ष रुप से जिम्मेदार नहीं है, यह जितना सत्य है इतना ही सत्य यह भी है की यह घटना मनपा क्षेत्र में घाटी है इसलिए अप्रत्यक्ष रूप से ऐसी घटनाओं के लिए मनपा प्रशासन ही जिम्मेदार है और इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसलिए सफाई कर्मचारियों की जिंदगी और उनके परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, बारोट ने आयुक्त से मांग की है की वसई विरार मनपा के क्षेत्र के सभी खाजगी एसटीपी प्लांट की तत्काल जांच करने के साथ साथ इन सभी प्लांट का रख रखाव करनेवाले ठेकेदारों को सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाने की सूचना जारी करने का आदेश संबंधित विभाग को दिया जाए. इसी प्रकार इमारत निर्माण में काम करनेवाले मजदूरों की सुरक्षा के लिए भी एक जाहिर सूचना द्वारा दिशा निर्देश जाहिर किए जाएं ताकि दुर्भाग्य से यदि ऐसी कोई अप्रिय घटना घटती है तो असंगठित मजदूर के पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा मिल सके.
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