जौनपुर। मंगलवार को जनपद के रामपुर नद्दी स्थित ग्राम सभा में हो रही श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस पर व्यासपीठ से आचार्य बसंत शुक्ल ने कहा कि, तभी तक राग-द्वेष आदि चोरों के समान सर्वस्व अपहरण करते रहते हैं, तभी तक घर और उसके संबंधी कैद की तरह है संबंध के बंधनों में बाॅंध रखते हैं और तभी तक मोह पैर की बेड़ियो की तरह जकड़े रखता है- जब तक जीव श्यामसुंदर का नहीं हो जाता। उन्होंने आगे कहा कि, जगत् के सभी जीव उसी माया से मोहित होकर शास्त्र और आचार्यो के बार बार समझाने पर भी अपने आत्मा को निरंतर भूले हुए हैं। वास्तव में उस माया की ऐसी ही शक्ति है। भला, उससे मोहित होकर जीव यहाॅं क्या-क्या नही भूल जाते हैं? जो लोग भगवान् श्रीकृष्ण के वास्तविक स्वरूप को जानते हैं, उनके लिए तो इस जगत् में जो कुछ भी चराचर पदार्थ हैं,सभी श्रीकृष्णस्वरूप है।यजमान राजकुमारी देवी धर्मपत्नी चंद्रभान तिवारी ने सपरिवार पंचम दिवस की कथा श्रवण किया।
कथा में कुलगुरु अशेष शुक्ल, कमला देवी, उर्मिला तिवारी, जमुना प्रसाद तिवारी, विकास तिवारी, प्रकाश तिवारी,रीता तिवारी, विजय शंकर तिवारी, ज्योति तिवारी, बीना तिवारी, प्रभा शंकर तिवारी, पं. ओंकार नाथ मिश्र, अशोक मिश्र, प्रबंधक वीरेंद्र कुमार सिंह, कैप्टन कृष्णानंद तिवारी, विजय तिवारी, विजय शंकर मिश्र, अशोक मिश्र, संतोष तिवारी, बागीश्वर प्रसाद तिवारी,धनेश्वर प्रसाद तिवारी, सुशील ओझा, सुशील चंद्र मिश्र, राजेन्द्र मिश्र, पं. लल्लन मिश्र,गुलाब चंद्र मिश्र नन्हे, पं. हरिवंश नाथ मिश्र, बटेश्वर नाथ मिश्र, डाक्टर कौशल श्रीवास्तव, गौरीशंकर यादव समेत प्रबुद्ध श्रोता उपस्थित रहे।
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