जौनपुर पुलिस कप्तान डॉ कौस्तुभ के रहते जनपद में हत्या व भ्रष्टाचार नहीं रुकेगा

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तालाब से मछली निकालना कठिन लेकिन जनपद में आदमी मारना आसान !

 जौनपुर में बेलगाम अपराध: तीन दिन में पाँच हत्याएँ, पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ पर उठे सवाल

जनता में आक्रोश, तेज-तर्रार आईपीएस की माँग तेज

 सुजीत मिश्र | मुंबई 

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद में अपराध का ग्राफ लगातार चढ़ता जा रहा है। मई माह के अंतिम सप्ताह में सिर्फ तीन दिनों के भीतर पाँच हत्याएँ हो चुकी हैं। इन घटनाओं ने पूरे जिले को हिला कर रख दिया है। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे दिन दहाड़े वारदात को अंजाम देकर फरार हो जा रहे हैं।


 पुलिस प्रशासन सवालों के घेरे में!

जनता का आरोप है कि पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ की निष्क्रियता के कारण अपराधियों को खुली छूट मिल चुकी है। जिले में लूट, बलात्कार, गौ-तस्करी, भूमि कब्जा और माफिया गतिविधियाँ निरंतर बढ़ रही हैं। जिले में तीन दिन में पाँच हत्याएँ, किसी का एथेंटिक खुलासा नहीं। हर थाना क्षेत्र में सक्रिय अपराधी। पुलिस मूक दर्शक बनी हुई है। जनता का कहना है कि तालाब से मछली निकालना कठिन पर आदमी मारना आसान। सोशल मीडिया पर डॉ. कौस्तुभ की कार्यशैली की तीखी आलोचना हो रही है।
अब जिले के विभिन्न वर्गों से एक ही आवाज उठ रही है कि
जौनपुर को चाहिए एक तेज-तर्रार, कठोर और निष्पक्ष आईपीएस अधिकारी जो अपराधियों पर लगाम कस सके।

क्या डॉ. कौस्तुभ पर होगी कार्रवाई? यह देखने वाली बात होगी कि सरकार और पुलिस मुख्यालय इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है। फिलहाल, जनता का विश्वास पुलिस व्यवस्था से उठता हुआ दिख रहा है।

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