पूर्व उपमहापौर बाबूभाई भवानजी ने राहुल गांधी पर बोला हमला



मुंबई। राहुल गांधी और पाकिस्तान भाषा एक जैसी है। राहुल गांधी जानबूझकर पाकिस्तान को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसी बात कर रहे हैं। यह बातें भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा मुंबई महानगर पालिका के पूर्व उपमहापौर बाबूभाई भवानजी ने कही है। उन्होंने कहा कि देश के सामने असली सवाल यह नहीं है कि भारत के कितने विमान गिरे, बल्कि यह है कि राहुल गांधी और कांग्रेस कितनी गिरती जा रही है। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर राहुल गांधी ने सवाल उठाया कि भारत ने कितने विमान खोए, और विदेश मंत्री एस जयशंकर से जवाब मांगा। राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया कि ऑपरेशन की शुरुआत में ही पाकिस्तान को सूचित किया गया, जिससे भारत को नुकसान हुआ और यह एक अपराध है। राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूभाई भवानजी ने तीखा पलटवार किया। भवानजी ने कहा कि राहुल गांधी ने विदेश मंत्री के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है और मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने राहुल की बौद्धिक क्षमता पर भी सवाल उठाए और कहा कि विपक्षी नेता गलतबयानी के जरिए जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है। गुजरात में खुद राहुल गांधी ने माना कि पार्टी का नेतृत्व बंटा हुआ है और कई नेता बीजेपी से मिले हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर निकालना चाहिए और कांग्रेस को अपनी रणनीति बदलनी होगी, वरना पार्टी का भविष्य खतरे में है। भवानजी ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे होने पर जब बेंगलुरु में भारी बारिश से लोग परेशान थे, तब पार्टी ने जश्न मनाया। इस पर भी राहुल गांधी और कांग्रेस की आलोचना हुई कि वे जनता की समस्याओं से कटे हुए हैं और केवल सत्ता के नशे में डूबे हैं। बाबूभाई भवानजी ने कहा कि राहुल गांधी की राजनीति पर लगातार सवाल उठ रहे हैं कि वे मुद्दों से भटक जाते हैं और पार्टी को एकजुट नहीं कर पा रहे। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी पार्टी की गिरती हालत को लेकर चिंतित हैं और नेतृत्व में बदलाव की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की गिरावट का एक बड़ा कारण उसकी आंतरिक कलह और नेतृत्व की अस्पष्टता है। राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी लगातार चुनाव हार रही है, जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल भी टूट रहा है। पार्टी के पुराने नेता भी अब खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर करने लगे हैं। राहुल गांधी के बयानों और रणनीतियों से कांग्रेस को फायदा कम और नुकसान ज्यादा हुआ है। विपक्ष के तौर पर पार्टी अपनी भूमिका निभाने में असफल रही है, जिससे कांग्रेस की जनता के बीच विश्वसनीयता लगातार गिरती जा रही है। अंत में, देश के सामने असली सवाल यह बन गया है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी कितनी और गिरती जा रही है। जब तक पार्टी नेतृत्व में बदलाव और संगठन में मजबूती नहीं आती, तब तक कांग्रेस का गिरना जारी रहेगा, और यही आज की राजनीति की सबसे बड़ी सच्चाई है।

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