परमवीर चक्र विजेता सरदार जोगिंदर सिंह मार्ग का नामफलक दोबारा स्थापित



मुंबई। अंधेरी (पूर्व) के चिमटपाड़ा इलाके में Inconica होटल से अंधेरी-कुर्ला मार्ग तक के रास्ते का नामकरण परमवीर चक्र विजेता सरदार जोगिंदर सिंह मार्ग के रूप में किया गया था। उस समय मुंबई महानगरपालिका द्वारा इस मार्ग पर नामफलक भी लगाया गया था। हालांकि, सीमेंट कंक्रीटकरण के कार्य के दौरान यह नामफलक हटा दिया गया था और इसके बाद कई महीनों तक उसे दोबारा नहीं लगाया गया। यह जानकारी मिलने पर आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने के/पूर्व विभाग के सहायक आयुक्त नितिन शुक्ला से इस विषय में त्वरित कार्रवाई की मांग की। सहायक आयुक्त शुक्ला ने इस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए मात्र 48 घंटों में नामफलक को दोबारा स्थापित करवाया। इस शीघ्र कार्रवाई के लिए अनिल गलगली ने श्री शुक्ला का आभार व्यक्त किया। इस संदर्भ में जानकारी स्थानीय समाजसेवक साहब सिंह और सरबजीत सिंह द्वारा अनिल गलगली तक पहुँचाई गई थी। नवस्थापित नामफलक का उद्घाटन विधायक पटेल मूरजी के कर-कमलों द्वारा किया गया। 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान सूबेदार जोगिंदर सिंह अरुणाचल प्रदेश के बुमला पोस्ट पर तैनात थे। 20 अक्टूबर 1962 को जब चीनी सेना ने करीब 200 सैनिकों के साथ हमला किया, तब भारतीय पक्ष के पास केवल गिने-चुने सैनिक थे। सूबेदार जोगिंदर सिंह ने अपने साथियों के साथ बहादुरी से मुकाबला किया। युद्ध के दौरान उनकी जांघ में गोली लगी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने खुद पट्टी बांधकर युद्ध जारी रखा और कई चीनी सैनिकों को मार गिराया।
अंततः वे चीनी सेना द्वारा बंदी बना लिए गए। बाद में भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया। जब यह बात चीन को पता चली तो उन्होंने भी सूबेदार सिंह के सम्मान में वर्ष 1963 में उनकी अस्थियाँ पूरे सम्मान के साथ उनकी बटालियन को लौटाईं।

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