नवोदय विद्यालय के प्रतिभावान खिलाड़ियों को मिले न्याय
नई दिल्ली। देशभर में पीएम श्री योजना के अंतर्गत संचालित जवाहर नवोदय विद्यालयों के छात्रों ने संकुल, विभागीय, राज्य और School Games Federation of India (SGFI) जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। बावजूद इसके, इन प्रतिभावान खिलाड़ियों को राज्य एवं केंद्र सरकार की खेल कोटा वाली नौकरियों में आवश्यक मान्यता न मिलने के कारण अन्याय का सामना करना पड़ रहा है।
इस गंभीर मुद्दे पर सांसद डॉ. हेमंत विष्णु सावरा ने आज लोकसभा में नियम 377 के तहत सरकार का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि नवोदय विद्यालय समिति द्वारा दिए गए खेल प्रमाणपत्रों को कई राज्यों में मान्यता नहीं मिलती, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने वाले छात्रों को नौकरी के अवसरों से वंचित रहना पड़ता है।
नवोदय विद्यालय के खिलाड़ियों को राज्य/राष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त प्रमाणपत्रों को सभी राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा मान्यता दी जाए।
केंद्र और राज्य सरकारों की खेल कोटा नीति में नवोदय विद्यालय के खिलाड़ियों को समान अवसर प्रदान किए जाएं।
इस विषय को लेकर एक राष्ट्रीय नीति या मार्गदर्शक सिद्धांत तैयार किए जाएं।
सांसद डॉ. हेमंत सवरा ने यह भी स्पष्ट किया कि गुजरात, राजस्थान जैसे कुछ राज्यों में यह मान्यता पहले से ही लागू है, अतः अन्य राज्यों को भी इस दिशा में कदम उठाना चाहिए।
यह मुद्दा केवल नवोदय विद्यालयों तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ियों को न्याय दिलाने वाला और “खेलो इंडिया”5 अभियान को मजबूत करने वाला है, ऐसा मत डॉ. हेमंत सावरा ने व्यक्त किया।
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