मुंबई। लोढ़ा फाउंडेशन की ओर से देश के पहले निजी वित्तपोषित लोढ़ा मैथमेटिकल साइंसेज़ इंस्टीट्यूट (एलएमएसआई) का शुभारंभ मुंबई में किया गया। इस संस्थान का उद्देश्य विश्वस्तरीय गणितज्ञों को एकजुट कर मौलिक सोच और नवीनता को बढ़ावा देना है।लोढ़ा मैथमेटिकल साइंसेज़ इंस्टीट्यूट (एलएमएसआई) का उद्देश्य विश्वभर के गणित शोधकर्ताओं को एक साथ लाना और उन्हें सहयोगपूर्ण व गुणवत्तापरक वातावरण उपलब्ध कराना है। यह देश का पहला निजी वित्तपोषित गणित अनुसंधान संस्थान है, जिसे लोढ़ा फाउंडेशन ने स्थापित किया है। पिछले वर्ष लोढ़ा परिवार ने इस फाउंडेशन को लगभग 20,000 करोड़ रुपये का कोष दिया था।
लोढ़ा डेवलपर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व प्रबंध निदेशक अभिषेक लोढ़ा ने कहा कि कंपनी के रूप में हमारी सफलता का भारत के विकास में समग्र योगदान होना चाहिए, यह हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसी पृष्ठभूमि में, पिछले वर्ष परिवार ने कंपनी के लगभग पाँचवें हिस्से का स्वामित्व लोढ़ा फाउंडेशन को देने का निर्णय लिया। किसी भी राष्ट्र को सशक्त बनने के लिए मौलिक विचार और नवाचार को प्रोत्साहन देना आवश्यक है। यही इस गणित विज्ञान संस्थान का मूल उद्देश्य है। हमारी कटिबद्धता है कि दीर्घकाल में यह संस्थान दुनिया के प्रमुख अनुसंधान केंद्रों में से एक बने। यह संस्थान गणित के मूलभूत और अनुप्रयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा देगा तथा वैश्विक स्तर के शोधकर्ताओं को आकर्षित कर नई बौद्धिक क्षितिजों का निर्माण करेगा।
लोढ़ा फाउंडेशन के प्रमुख मार्गदर्शक आशीष कुमार सिंह ने कहा कि आज लगभग हर तकनीकी प्रगति की नींव गणित है, चाहे क्रिप्टोग्राफी हो, साइबर सुरक्षा, युद्धकला या कृत्रिम बुद्धिमत्ता। एलएमएसआई में हम प्रतिभाशाली शोधकर्ताओं को एक साथ लाकर गणित के अत्याधुनिक क्षेत्रों में अनुसंधान कराना चाहते हैं, ताकि नया ज्ञान सृजित हो।”
संस्थान का नेतृत्व प्रसिद्ध गणितज्ञ डॉ. वी. कुमार मूर्ति करेंगे। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पीएच.डी. की है और फील्ड्स इंस्टीट्यूट के निदेशक तथा टोरंटो विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया है। संख्याशास्त्र और अंकगणितीय ज्यामिति के क्षेत्र में उनके योगदान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।
डॉ. मूर्ति ने कहा कि भारत के प्राचीन इतिहास में कई महान गणितज्ञ हुए हैं, जिन्होंने ऐसे मूलभूत सिद्धांत दिए जिनसे आज की दुनिया निर्मित हुई। उस परंपरा का हिस्सा बनकर उसे आगे बढ़ाना, भारत सहित विश्व के श्रेष्ठ विशेषज्ञों को एक साथ लाना, अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रेरणादायी है। एलएमएसआई का उद्देश्य मूलभूत समस्याओं पर कार्य कर भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र और वैश्विक नेता बनाने में योगदान देना है।संस्थान का मार्गदर्शन एक वैज्ञानिक परामर्श समिति करेगी, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित शोधकर्ता शामिल हैं! डॉ. मंजुल भार्गव (प्रिंसटन विश्वविद्यालय), डॉ. विक्रमन बालाजी (चेन्नई मैथमेटिकल इंस्टीट्यूट), डॉ. सौरव चटर्जी (स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय), डॉ. रवि वकील (स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय), डॉ. याकोव इलियाशबर्ग (स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय), डॉ. अलेक्ज़ेंडर लुबोट्ज़्की (वाइजमन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस), डॉ. कविता रमनन (ब्राउन विश्वविद्यालय), डॉ. फ्राँस्वा लाबुरी (सोफिया विश्वविद्यालय), डॉ. सिद्धार्थ मिश्रा (ETH Zurich), डॉ. महन एमजे (टीआईएफआर), डॉ. न्गो बाओ चाउ (शिकागो विश्वविद्यालय), डॉ. परिमला रमन (एमोरी विश्वविद्यालय)।
संस्थान का मानना है कि बुनियादी ढाँचा, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों की जटिल चुनौतियों का समाधान उन्नत गणितीय तरीकों से खोजा जा सकता है। इसमें डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, ऑपरेशन्स रिसर्च और ऑप्टिमाइज़ेशन शामिल हैं। भारत में स्थापित यह संस्थान मूलभूत अनुसंधान और अनुप्रयोग दोनों स्तरों पर राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है। इस उद्देश्य के लिए संस्थान के प्राध्यापकों को प्रशासनिक बाधाओं से मुक्त होकर स्वतंत्र रूप से अनुसंधान करने का अवसर मिलेगा।
मुख्य अतिथि महाराष्ट्र कैबिनेट के स्किल डेवलपमेंट मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि मुझे खुशी हैं कि परिवार की तरफ से इतने अच्छे कार्य की शुरुआत होने जा रही है। लोढ़ा फाउंडेशन की अध्यक्ष मंजू लोढ़ा ने सबका आभार मानते हुए धन्यवाद दिया।
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