भारतीय जनता पार्टी ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने कैंडिडेट के रूप में सी पी राधाकृष्णन का चयन किया है, जो बहुत ही सही एवं सार्थक है।राधाकृष्णन इस समय महाराष्ट्र के गवर्नर के रूप में पदभार संभाले हुए हैं। अतः महाराष्ट्र के लिए बड़े गर्व की बात है कि देश के उपराष्ट्रपति पद के कैंडिडेट के रूप में महाराष्ट्र से जुड़े हुए व्यक्ति का चयन किया जाय। विपक्ष में होते हुए भी शिवसेना के नेता संजय राउत ने भी उनके उम्मीदवार बनाए जाने का स्वागत किया। किंतु हम लोग इंडिया गठबंधन के द्वारा चयन किए गए कैंडिडेट का समर्थन करेंगे, ऐसा कहकर उन्होंने अपनी राजनीतिक मजबूरी जाहिर की।
राधाकृष्णन भले ही तमिलनाडु से जुड़े हुए हैं। किंतु हाल ही में वे महाराष्ट्र में हुए विधानसभा के चुनाव में उन्होंने मुंबई के मतदाता के रूप में अपना वोट दिया था। अतः महाराष्ट्र के लिए विशेष रूप से खुशी का अवसर है कि मुंबई के मतदार संघ से जुड़े हुए व्यक्ति को राष्ट्रीय स्तर पर उपराष्ट्रपति जैसे महत्वपूर्ण पद पर चुने जाने की संभावना हो। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूरे देश में सभी विपक्षी पार्टियों से अपील कि सी पी राधाकृष्णन की उम्मीदवारी पर सभी राजनीतिक पक्ष अपना मतभेद भूला कर उन्हें अपना सपोर्ट जाहिर करें, ताकि उपराष्ट्रपति जैसे महत्वपूर्ण पद पर एक योग्य व्यक्ति निर्विरोध चुनकर आ सके।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे( शिवसेना) ने भी सी पी राधाकृष्णन को अपना समर्थन देने का फैसला किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी चाहते हैं कि महाराष्ट्र से जुड़े हुए व्यक्ति को देश का उपराष्ट्रपति जैसा महत्वपूर्ण पद मिले, तो यह सारे राज्य के लिए गौरव की बात होगी। उन्होंने तय किया कि उनके चुनाव जीत जाने के लिए सभी महत्वपूर्ण नेताओं एवं राजनीतिक पार्टियों से वे मिलकर अपील करेंगे।
सी पी राधाकृष्णन को श्री जेजेटी यूनिवर्सिटी द्वारा हाल ही में मानद डी.लिट. की डिग्री यूनिवर्सिटी के कन्वोकेशन के अवसर पर प्रदान की गई थी। दीक्षांत समारोह अवसर पर यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष डॉक्टर विनोद टिबडेवाला ने उनके कार्यों की बहुत बहुत सराहना की थी। उन्होंने राधाकृष्णनजी की समाज के आखिरी छोर पर बसे व्यक्ति की कठिनाइयों को दूर करने के लिए सहजता से उपलब्ध होने की कला की विशेष रूप से प्रशंसा की थी।
सी पी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरूपुर गांव में हुआ। 31 जुलाई 2024 से उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद का कार्यभार संभाला है। इसके पहले वह फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्यरत थे। युवावस्था से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ( RSS) से जुड़े हुए थे। 1974 में वे जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य चुने गए एवं 1980 में भाजपा का गठन होने के बाद वे भाजपा में शामिल हो गए। शुरुआत के दौर में उन्होंने अटलबिहारी वाजपेयी के सहयोगी के रूप में काम किया था। वे पहली बार 1998 में कोयंबटूर से लोकसभा के मेंबर के रूप में चुने गए।वे 2004 से 2006 तक तमिलनाडु बीजेपी के प्रदेश-अध्यक्ष भी थे।वे 2016 से 2020 तक केंद्र के स्मॉल और मीडियम स्केल इंडस्ट्रीज की मिनिस्टरी के अंतर्गत आने वाले " भारतीय काॅयर बोर्ड के " अध्यक्ष भी रहे। उन्हें पार्टी द्वारा अभी तक राजनीतिक एवं संगठन की कई बार जिम्मेदारियां दी गई। जिसका उन्होंने बखूबी निर्वहन किया है। वे मितभाषी है, फिर भी पार्टी के सभी पदाधिकारी में समान रूप से लोकप्रिय है। उनका काम के प्रति लगन एवं ईमानदारी यह एक विशिष्ट गुण है। उनकी लोकप्रियता एवं कार्य कुशलता को देखते हुए निश्चय ही वे भारत के आगामी उपराष्ट्रपति पद के लिए चुने जाएंगे।
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