वसई। वरिष्ठ समाजसेवी ददन सिंह चौहान द्वारा संस्थापित राजपूताना परिवार फाउंडेशन द्वारा वसई विरार नालासोपारा के ब्राॅडवे हाॅल में हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य पर परिचर्चा एवं भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय स्तर के वीर रस के विख्यात कवि राम भदावर ने अपनी ओजस्वी वाणी से चित्तौड किले में सोलह हजार क्षत्राणीयों द्वारा किए गए सामूहिक जोहार पर कविता सुनाकर सभी श्रोताओं को रोमांचित किया उनके प्रस्तुती से श्रोताओं की भुजाएं फड़कने लगी। अनिकेत सिंह, सत्यभामा सिंह, रीमा सिंह, किरण तिवारी, अन्नपूर्णा गुप्ता, विनय कुमार शर्मा, शिवकुमार सिंह, विनय शर्मा " दीप " आदि कवि एवं कवियत्रीयों ने भी अपनी उत्कृष्ट कविताएं सुनाकर संपूर्ण सभागार में उत्साह का माहौल बनाया। इस आयोजन के मुख्य अतिथि नालासोपारा के विधायक राजन नाईक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दी भाषियों का मैं विशेष रूप से आभारी हूँ क्योंकि मेरी जीत में हिन्दी भाषियों का बहुत बडा योगदान है।उन्होंने हिन्दी भाषियों को आश्वस्त किया कि वे हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे। राजपूताना परिवार फाउंडेशन के संस्थापक ददन सिंह ने भारतीय संस्कृती एवं सनातन की रक्षा का आवाहन सभी को किया तथा विधायक से निवेदन किया कि वसई विरार महानगर पालिका क्षेत्र में एक साहित्य भवन बनाया जाए, जिसके उत्तर में विधायक राजन नाईक ने कहा कि बहुत जल्द महानगरपालिका अपने क्षेत्र में भारत भवन का निर्माण करेगी ,जहां इस प्रकार के सांस्कृतिक, साहित्यिक आदि आयोजन के लिए पर्याप्त सुविधा होगी. फाउंडेशन के मार्गदर्शक डाॅ. ओमप्रकाश दुबे ने राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के परिप्रेक्ष्य में हिन्दी भाषा के उपयोग का महत्व सभी को समझाते हुए कहा कि हमारे राष्ट्र के किसी भी प्रांत के किसी भी विभाग की किसी भी जिले की मातृभाषा ( स्थानीय भाषा ) हिन्दी नही है। देश के हर नागरिक की मातृभाषा ( स्थानीय भाषा ) अलग है। उन्होंने कहा कि अनावश्यक भाषावाद एवं प्रांतवाद के दुराग्रह की भावना देश की प्रगति में बाधक बन सकती है। कार्यक्रम का सफल संचालन आनंदप्रकाश सिंह ने किया। इस अवसर पर उपस्थित सम्मानित लोगों में नालासोपारा आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष जयप्रकाश दुबे, भूतपूर्व महापौर रूपेश जाधव, वरिष्ठ भाजपा नेता नवलकिशोर मिश्रा, अमित दुबे, अभय कक्कड, जे.पी.सिंह, पंकज देशमुख,अमरनाथ सिंह, देवराज सिंह, नागेन्द्र तिवारी वरिष्ठ शिवसेना नेता जयप्रकाश सिंह तथा राजेश पाण्डेय, केडी शर्मा, संजय शर्मा, अरुण सिंह, के आर सिंह आदि का समावेश रहा। कार्यक्रम को सफल बनाने में फाउंडेशन के अमित सिंह राठौड़, शक्ति सिंह शेखावत, सरवन सिंह सिसोदिया, नरेंद्र सिंह राणावत, महेंद्र सिंह, मुकेश सिंह, राजेश राय, सुरेश सिंह, विजय नाथ तिवारी, भावेश सिंह, राजेश सिंह, सूर्यवंशी समर बहादुर सिंह, बिनोद तिवारी, ओमकार नाथ पाठक, जितेंद्र पंवार, हर्षवर्धन सिंह, धिरज सिंह, विकास उपाध्याय, सुनिल सिंह, राम सिंह राज चौरसिया, वंदना श्रीवास्तव संतोष श्रीवास्तव, बृजेश सिंह, सतेन्द्र रावत, राज सिंह, भुपत सिंह, अजय सिंह, दामोदर राव, जय कुमार यादव, अनिल निषाद, कृष्णा पुजारी, प्रविण सोनी, प्रमोद शर्मा, बिरेंद्र सिंह, बिपिन सिंह, नितेश सिंह, रणविजय सिंह, विजय सिंह, सुनील सिंह, संध्या सिंह खुशबू सिंह, अंजू सिंह, नम्रता सिंह, बबीता सिंह, आशा सिंह, सुषमा सिंह, मानसी सिंह, निधि सिंह, नंदन सिंह बिनोद सिंह, किसन सिंह, रामस्नेही ओझा, अरुण सिंह, अश्विन सिंह जाडेजा, जगदीश सिंह जाडेजा, नंदु पवार, ओमप्रकाश पाण्डेय, रवि मिश्रा, किशोर चौहान, बिनोद सिंह, रोहित सिंह आदि का सक्रिय योगदान रहा.
कार्यक्रम के अंत में ददन सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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