संत परंपरा जनमानस के विचारों की शुद्धता का परिचायक– देवेंद्र फडणवीस


मुंबई। 'पहले नेता मंदिर जाने से डरते थे। लेकिन हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मंदिर जाने के बाद से केजरीवाल हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे और ममता दीदी चंडी पाठ करने लगीं। संत परंपरा आम जनमानस के विचारों की शुद्धता को समाप्त होने से बचाने के लिए है। अंग्रेजों को पता था कि हमारी संस्कृति की जड़ें गहरी हैं , इसीलिए उन्होंने हमारी जड़ों पर प्रहार करने का प्रयास किया पर हमारी परंपरा अब भी अक्षुण्ण है। डीएनए एक्सपर्ट अब सप्रमाण बताते हैं कि यहां की संस्कृति सबसे पुरानी है।' महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रमुख अतिथि के पद से बोलते हुए उपरोक्त बातें कही।  फडणवीस श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि  महाराज के संन्यस्त जीवन की स्वर्ण जयंती व श्रीमाता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड, जम्मू के सदस्य नियुक्त किए जाने पर आयोजित अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे। मुंबई स्थित संन्यास आश्रम में 400 वर्ष पुराने सूरतगिरि बंगला, हरिद्वार के एकादश पीठाधीश्वर विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज का अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। अमृत महोत्सव समिति के अंतर्गत समारोह के संयोजक मुंबई भाजपा उपाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी थे। इस समारोह में देश के कई संत-महात्मा उपस्थित थे। समारोह में महामंडेलश्वर स्वामी अभेदानंद गिरि महाराज, महामंडेलश्वर  स्वामी शंकरानंद सरस्वती महाराज, जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य महाराज, महामंडेलश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती महाराज और स्वामी परमात्मानंद सरस्वती  महाराज उपस्थित थे। मुंबई भाजपा अध्यक्ष मंगलप्रभात लोढ़ा, सांसद गोपाल शेट्टी, विधायक योगेश सागर, विधायक अमित साटम, महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री तथा प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष कृपाशंकर सिंह, मोहित कंबोज, जयप्रकाश सिंह, नसीम खान, बिमल भुता, अनिल गलगली, जाकिर अहमद, उदयप्रताप सिंह, प्रमोद मिश्रा, राम यादव, अजय शुक्ल, रंजन चौधरी भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा आद्यशंकराचार्य के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। देवेंद्र फडणवीस का स्वागत  विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज और अन्य संतों ने शाल, श्रीफल और वैष्णोदेवी की तस्वीर देकर किया और  महाराज  स्वागत  देवेंद्र फडणवीस ने श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति, शाल व श्रीफल देकर किया।

समारोह को संबोधित करते हुए  देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि श्री महाराज जी के अभिनंदन का मौका मिला और संतों का आशीर्वाद भी मिला। हमारी सनातन संस्कृति में धर्म आचरण माना जाता है। जिन्हें सनातन संस्कृति का पता नहीं, वह यह बात नहीं समझ सकता। हमारा संविधान भी उसी तरह का एक प्रारूप है। सामान्य इंसान के जीवन से विचारों की शुद्धता समाप्त होने से बचाने के लिए संत परंपरा है। अंग्रेजों को पता था कि हमारी संस्कृति की जड़ें गहरी हैं इसीलिए हमारी जड़ों पर प्रहार करने का प्रयास किया पर हमारी परंपरा अब भी अक्षुण्ण है। पहले नेता मंदिर जाने से डरते थे। लेकिन प्रधानमंत्री जी के मंदिर जाने के बाद तमाम विपक्षी नेता भी चंडीपाठ और हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। डीएनए एक्सपर्ट अब सप्रमाण बता रहे हैं कि यहां की संस्कृति सबसे पुरानी है। प्रो. शिंदे और प्रो. चावड़ा  जैसे जानकारों ने इसमें बड़ा योगदान दिया। हर भारतीय का डीएनए-हेप्लो ग्रुप एक है। हम सब एक धरोहर को लेकर जी रहे हैं। दुनिया की सबसे पुरानी कृति ऋग्वेद है। अब तो कार्बन डेटिंग से पता चला है कि सरस्वती नदी के साक्ष्य हैं। अब हमारे शोध दुनिया भर के जरनल छाप रहे हैं। आद्यशंकराचार्य जी की परंपरा के संवाहक  महाराज  को ईश्वर दीर्घायु करें।श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि  महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि मैं तो केवल प्रतीक हूं। इस आश्रम की परंपरा चार सौ साल पुरानी है जो उससे भी बहुत पहले वेदव्यास तक जाती है, जिस प्रकार एक पत्ता मंदिर में पहुंच जाने पर सम्मान पाता है। उसी प्रकार मैं भी हूं। पूजनीय सर संघचालक श्री मोहन भागवत ने परसों मेरे सामने ही भाषण दिया था पर मीडिया में उनकी बात को अलग रंग दिया गया। यदि संस्कृति अपने धर्म का पालन नहीं कर पाती तो देश समाप्त हो जाता है। हमारे देश पर इतने हमले हुए पर संत परंपरा ने उसे बचाने में योगदान दिया। हम लोग भाग्यशाली हैं कि हमने श्रीराम मंदिर का भूमिपूजन देखा है और उसका शिखर भी देखेंगे। संन्यास आश्रम समाज और राष्ट्र का है। महाराज  ने कहा कि जल्द ही बाणगंगा से लेकर वैष्णोदेवी तक रोपवे बन जाएगा।कार्यक्रम की पूर्व पीठिका में युवा गायक सूर्यप्रकाश दुबे ने अपने भक्ति गीतों से श्रोताओं का सराबोर कर दिया।  संचालन वरिष्ठ पत्रकार अभय मिश्र ने किया। मुंबई भाजपा अध्यक्ष विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा ने समस्त लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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