मुंबई। साहित्यिक सामाजिक सांस्कृतिक संस्था संगीत साहित्य मंच ठाणे द्वारा महीने के हर द्वितीय शनिवार को निरन्तर की जाने वाली काव्य गोष्ठी दिनाँक 14 मई 2022 शनिवार को बड़ी ही सफलता पूर्वक सम्पन्न की गयी। जिसमे सुप्रसिद्ध ग़ज़लकार आनन्द पाण्डेय मुख्य अतिथि और जाने माने श्रृंगार रसिक डॉ अरुण प्रकाश मिश्र कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में उपस्थित रहे।यह सुंदर और सफल कार्यक्रम व्हाट्सएप पर ऑन लाईन किया गया।इस गोष्ठी में मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के पारंपरिक गीत,भक्ति गीत एवं श्रृंगार रस की रचनाओं की अधिकता देखने को मिली।कार्यक्रम का श्रीगणेश अनुरागी जी की सरस्वती वंदना से हुआ। इसके बाद मंच संचालन कर रहे सदाशिव चतुर्वेदी "मधुर" ने सुप्रसिद्ध कवि आनन्द पाण्डेय "केवल" को काव्य पाठ के लिए आमन्त्रित किया।आनन्द पाण्डेय ने पहुंचते ही एक गज़ल "निगाहों से निगाहों की अगर तकरार हो जाये" की सुन्दर प्रस्तुति कर महफ़िल को रंगीन बना दिया। क्रम को आगे बढ़ाते हुए डॉ अनुरागी ने "अपनी पलकों को मुहब्बत की डगर बैठा कर"एक धमाकेदार श्रृंगार रस की रचना प्रस्तुत किया।इसी क्रम में सुश्री आरती सैया "हीरांसी" ने "मेरी तकदीर मैं, ख़ैर ख़्वाहों में हूँ" गीत का बड़ा ही मनमोहक गायन किया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में संस्था के संयोजक 74 वर्षीय रामजीत गुप्ता ने गोरखपुर की धरती से "जब उनसे नैना चार हुये, फिरता हूँ चाँद सितारों में" प्रस्तुत कर खूब तालियाँ बटोरी।तत्पश्चात कार्यक्रम के मंच संचालक मधुर जी ने "उनके आने से धड़कनों का तेज हो जाना,नज़र मिलते ही पलकों का नीचे झुक जाना" ग़ज़ल की सुंदर प्रस्तुति पर खूब वाह लूटी।कार्यक्रम में कुछ बिलम्ब से शिरकत करने वाले शारदा प्रसाद दुबे "शरदचन्द्र" ने "हे राम तुम्हारे चरणों मे हम अपना शीश झुकाते हैं" भक्तिमय कविता सुना कर सबका मन मोह लिया l मीडिया प्रभारी विनय शर्मा दीप ने बताया संस्था के संयोजक रामजीत गुप्ता ने 40 वर्षों से लगातार सफलता पूर्वक चल रहे संस्था के बिभिन्न आयोजनों में सहभागी होने वाले सभी कवि मित्रों के लिए कृतज्ञता व्यक्त किया।कार्यक्रम के अध्यक्ष अरुण मिश्र अनुरागी ने अपने उदबोधन में कार्यक्रम को खूब सराहा और आभार प्रदर्शन का दायित्व मधुर जी को दिया।
अन्त में संस्था के सहसंयोजक सदाशिव चतुर्वेदी "मधुर" ने समीक्षात्मक शब्दों के साथ आभार व्यक्त करके कार्यक्रम का समापन किया।
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