डॉ राम मनोहर त्रिपाठी हिंदी भाषा भवन के निर्माण के लिए सुप्रिया सुले को सौंपा ज्ञापन


मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ,हिदी भाषी विभाग,मुंबई के अध्यक्ष मनीष दुबे द्वारा दहिसर (पूर्व)के राजेश्री सभागृह में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय सदविचार  मंच के संस्थापक डॉ राधेश्याम तिवारी ने मुंबई विश्वविद्यालय के कालीना कैंपस में डॉ राम मनोहर त्रिपाठी हिंदी भाषा भवर के संदर्भ में,कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सांसद सुप्रियाताई को  एक ज्ञापन सौंपा । ज्ञापन में इस बात का उल्लेख था कि 9 सितम्बर सन् 2014 में विश्वविद्यालय के कालीना कैंपस में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के मंत्री परिषद में वरिष्ठ मंत्री नाराण राणे द्वारा उपनगर के  पालक मंत्री मो.आरीफ(नसीम खान), तत्कालीन विधाएक कृपाशंकर सिंह,हिंदी विभागाध्यक्ष,डाॅ.करुणाशंकर उपाध्याय एवं महानगर के सैकडो़ं गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में भूमिपूजन का कार्यक्रम संपन्न  हुआ था। भवन निर्माण के लिए शासन की ओर से पांच करोड़ की धनराशि भी आबंटित हुई थी।तत्काल प्रभाव से दो लाख की धनराशि विश्वविद्यालय के कोष में   भी गयी थी।(वह दो करोड़ अभी भी विश्वविद्यालय में है,धनराशि लैप्स नहीं हुई है)।लेकिन किन्ही  कारणों से उसका टेंडर नही निकाला गया और हिंदी भाषा भवन योजना अधर में लटक गयी। प्रयास होते रहे,लेकिन बात आती रही,जाती रही।सन् 2021 में पूर्व मंत्री रमेश दुबे द्वारा पुनः हिंदी भाषा भवन के लिए प्रयास आरम्भ किया गया।वह  महाविकास अघाडी़ सरकार के आर्किटेक्ट एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिलकर इस विषय पर उनसे सीधे बात किये । श्री पवार ने उच्च शिक्षा मंत्री उदय सावंत से बात की। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री रमेश दुबे के  नेतृत्व एक प्रतिनिधि मंडल जिसमे डाॅ.राधेश्याम तिवारी)और देवेंद्र तिवारी शामिल थे,महाराष्ट्र के उच्च शक्षा मंत्री उदय सावंत से मंत्रालय में उनके बुलावे पर मिला । उन्होंने आश्वासन दिया कि सन् 2022की शुरुवात में वर्तमान सरकार दो करोड़ की और धनराशि की व्यवस्था करके सारी औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए  कार्य आरम्भ करवाएगी।उन्होंने  यह भी बताया कि भवन प्रस्तावित बजट में भी बढो़त्तरी करनी पडे़गी।हम लोगों ने यह भी कहा था कि आवश्यकता पड़ने पर हम इसके लिए अपने समाज के लिए भी धन संग्रह करेंगे।परंतु आज तक सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। सुप्रियाताई सुले ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया कि डाॅ.राममनोहर त्रिपाठी हिंदी भाषा भवन के लिए वे अवश्य सार्थक पहल करेंगी।

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