प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के पैनल पर नियुक्त अस्पतालों की सूची जारी की जाए – मनोज बारोट

वसई। वसई विरार शहर महानगरपालिका की स्थापना के 14 साल बाद भी तालुका के करीबन 30 लाख नागरिक स्वास्थ आरोग्य सेवा के लिए तरस रहे है। वसई विरार महानगरपालिका के अस्पतालों में शस्त्रक्रिया की सुविधा नहीं है और गरीब एवं जरूरतमंद नागरिक के लिए किसी  निजी अस्पताल में इलाज कराना भी संभव नहीं है. इसलिए मुंबई के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए जाने को मजबूर है. देशभर के ऐसे मजबूर और जरूरतमंदों के आरोग्य की चिंता करते हुए, मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री आयुष्यमान भारत योजना शुरू की है. इस योजना के लाभार्थियों को सरलता से लाभ मिल सके इसका नियोजन स्थानिक प्रशासन को करने की खास जरूरत है.
इसलिए इस विषय को लेकर भाजपा वसई विरार जिला उपाध्यक्ष मनोज बारोट ने जिला अधिकारी पालघर और तहसीलदार वसई को लिखित पत्र द्वारा अवगत कराते हुए बताया है की, मोदी सरकार की विविध योजनाएं हर जरूरतमंद तक पहुंचाने के इरादे से केंद्र सरकार ने विकसित भारत संकल्प यात्रा का आयोजन किया है. इस संकल्प यात्रा के माध्यम से लाखो लाभार्थी महत्वपूर्ण योजना से जुड़े है. इसमें से मोदी सरकार की सब से लोकप्रिय योजना यानी की प्रधानमंत्री आयुष्यमान भारत योजना, जिसके तहत 5 लाख की मुक्त आरोग्य सेवा प्रदान की जाती है. इस योजना से बड़ी मात्रा में नागरिक जुड़े है. लेकिन लाभार्थियों को इस योजना का लाभ किस अस्पताल में मिलेगा इसकी जानकारी नहीं है. शासन द्वारा कुछ अस्पतालों के नाम जाहिर किए है, वहां जानेपर कुछ अस्पताल प्रशासन का मरीज को कहना है की हमारा अस्पताल पैनल पर है इसकी हमे ही जानकारी ही नहीं है. उदाहरण के तौर पर संजीवनी अस्पताल विरार. 
लाभार्थियों की परेशानी पर बारोट ने नाराजगी जताते हुए अपने पत्र में कड़े शब्दो में कहा है की, कोई भी गरीब और जरूरतमंद सरकारी योजना से वंचित न रहे इसके लिए केंद्र सरकार ने विकसित भारत संकल्प यात्रा का आयोजन किया है. इस संकल्प यात्रा के पीछे का उद्देश सिर्फ लोगो को जोड़कर खुश करना नही है. बल्कि योजना का फायदा जमीनिस्तर पर जरूरतमंदों तक पहुंचना है. लेकिन स्थानिक प्रशासन की लापरवाही के कारण जरूरतमंद कई सारी अमूल्य योजनाओं से वंचित रहते है या तो यहां वहां चक्कर काटने को मजबूर है.
इसलिए बारोट ने जिला अधिकारी और तहसीलदार से मांग की है की, योजनाओं के लाभ जमीनीस्तर पर जरूरतमंदों को तुरंत मिले इसके लिए योग्य नियोजन किया जाए. इसी प्रकार प्रधानमंत्री आयुष्यमान भारत योजना के लिए पैनल पर नियुक्त अस्पतालों की सूची जारी की जाए और अस्पतालों को भी अवगत कराया जाए. इसी प्रकार अस्पतालों के क्लेम भी समय पर सेटलमेंट किए जाने के कड़े आदेश स्थानिक प्रशासन को दिया जाए ताकि कोई भी गरीब या जरूरतमंद इस महत्वपूर्ण योजना से वंचित न रहे और मरीज को समय पर बिना किसी दिक्कत के इलाज मिल सके।

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