भारतीय वायु सेना की ताकत का प्रतीक बन गया राफेल : राहुल सिंह



रायबरेली। विश्व हिन्दू रक्षा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री भाजपा नेता राहुल सिंह ने राफेल की सफलता पर भारतीय सेना और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी । उन्होंने कहा, "राफेल आया देश के काम, विपक्ष जिसे कर रहा था बदनाम । उनकी यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। युवाओं में लोकप्रिय राहुल सिंह ने सेना के शौर्य की सराहना करते हुए विपक्ष पर हमलावार होते हुए कहा कि जिस राफेल को लेकर पूरा विपक्ष मोदी सरकार के ऊपर आरोप लगाते हुए विरोध कर रहा था आज वही राफेल आतंकियों के विरुद्ध चलाए जा रहे ऑपरेशन में वायु सेना की ताकत का प्रतीक है। गौर तलब हो भारत ने सितंबर 2016 में हस्ताक्षरित एक अंतर-सरकारी समझौते के तहत अपनी वायु सेना के लिए 36 राफेल विमान खरीदे थे। 2016 के सौदे की अनुमानित लागत लगभग €7.87 बिलियन (लगभग ₹58,891 करोड़) थी और इसमें विशेष रूप से तैयार किए गए संवर्द्धन, हथियार पैकेज और प्रदर्शन-आधारित रसद समझौता शामिल था। इन 36 राफेल विमानों में से पहला विमान 8 अक्टूबर, 2019 को भारत को सौंपा गया था और सभी विमानों की आपूर्ति 2023 में पूरी गई 2016 से 2018 तक कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष मोदी सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगा रहा था कि वह फ्रांस से अत्यधिक ऊंची कीमत पर 36 राफेल जेट खरीद रही है जिसमें बिचौलिए है और इसमें भारी घोटाले शामिल है।ऑपरेशन सिंदूर' 7 मई 2025 को शुरू हुआ, जिसका मकसद पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेना था। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने संयुक्त कार्रवाई में हवाई मार्ग से पाकिस्तान और पीओके में जैश-ए-मोहम्मद के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। राफेल विमानों ने स्कैल्प और हैमर मिसाइलों के साथ बहावलपुर के मरकज सुभान अल्लाह जैसे प्रमुख आतंकी केंद्रों को तबाह किया। इन विमानों की सटीकता और स्टील्थ तकनीक ने ऑपरेशन को सफल बनाया। राफेल ने भारत की आतंकवाद विरोधी नीति और सैन्य क्षमता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. राहुल ने आगे कहा कि स्कैल्प क्रूज मिसाइल, हैमर और विशेष गोला-बारूद जैसे ब्रह्मोस, SPICE 2000, Popeye और सुदर्शन बमों ने नौ आतंकी ठिकानों को सटीकता से नष्ट कर जैश-ए-मोहम्मद को गंभीर झटका दिया. यह ऑपरेशन देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तकनीकी श्रेष्ठता, रणनीतिक साहस और आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति का प्रतीक है.

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