भायंदर। मीरा भायंदर की सामाजिक और सांस्कृतिक संस्था नरसिमा चैरिटेबल ट्रस्ट ने मिरा-भायंदर महानगरपालिका (एमबीएमसी) के आयुक्त को एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की है, जिसमें नगर रचना विभाग तथा विधि विभाग के अधिकारियों पर गंभीर लापरवाही और अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है। ट्रस्ट ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने एम/एस. रवि डेवलपर्स नामक बिल्डर, जिस पर दर्जनों आपराधिक धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं, को अनुचित लाभ पहुंचाया है। हाल ही में अदालत की कार्यवाही में भी एमबीएमसी के वकील कई बार अनुपस्थित रहे, जिससे मनपा की कानूनी स्थिति कमजोर हुई और बिल्डर को अप्रत्यक्ष लाभ मिला। शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि बॉम्बे हाईकोर्ट के 13 अगस्त 2025 के आदेश के बावजूद, जिसमें एमबीएमसी को छह हफ्तों में निर्णय लेने का निर्देश दिया गया था, आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ट्रस्ट ने आगे यह भी बताया कि 90 फ्लैटों की कमेंसमेंट सर्टिफिकेट (CC) में अनियमितता पाए जाने के बाद भी उचित कार्यवाही नहीं की गई। 2022 और 2023 में अवैध निर्माण पर नोटिस जारी होने के बावजूद निगम ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से बिल्डर लगातार गरीब नागरिकों को ठग रहा है, जिससे सार्वजनिक धन का दुरुपयोग और जनता का भरोसा कमजोर हुआ है।नरसिमा चैरिटेबल ट्रस्ट ने अपनी शिकायत में निम्नलिखित मांगें रखी हैं – नगर रचना विभाग और विधि विभाग के संबंधित अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर स्वतंत्र एवं समयबद्ध जांच की जाए। सभी रिकॉर्ड, फाइलें और अदालत उपस्थिति विवरण जांच हेतु प्रस्तुत किए जाएं। दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई व एफआईआर दर्ज की जाए। सुनिश्चित किया जाए कि एमबीएमसी की कानूनी टीम अदालत में सभी मामलों का प्रभावी रूप से बचाव करे।
जांच रिपोर्ट और सुधारात्मक कदम सार्वजनिक किए जाएं ताकि जनता का विश्वास बहाल हो। नरसिमा चैरिटेबल ट्रस्ट ने एमबीएमसी प्रशासन से अपील की है कि वह पारदर्शी और कड़े कदम उठाकर जनता के हितों की रक्षा करे।
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