हिंदी राष्ट्रीय एकता का सशक्त माध्यम और सांस्कृतिक पहचान : डॉ. शीतला प्रसाद दुबे



मुंबई। पुस्तकालय समिति राजस्थानी महिला मंडल द्वारा गुरुवार को हिंदी दिवस उत्सव बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी का विषय था – “हिंदी भाषा की स्थिति और महत्व”।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष शीतला प्रसाद दुबे रहे। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि “हिंदी केवल संवाद की भाषा नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान और राष्ट्रीय एकता का सशक्त माध्यम है। नई पीढ़ी को हिंदी के संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।” विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारी सुप्रसिद्ध कवयित्री पूजाश्री ने अपनी रचनाओं का पाठ कर उपस्थित जनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि हिंदी कविता की मिठास समाज में संस्कार और संवेदनाओं को जागृत करने की क्षमता रखती है। कार्यक्रम का मंच संचालन सुप्रसिद्ध समाजसेवी एवं लेखिका डॉ मंजू लोढ़ा ने किया। उनके प्रभावी संचालन ने कार्यक्रम को और भी जीवंत बना दिया। मंडल हॉल में दोपहर 3 बजे से प्रारंभ हुए इस आयोजन में बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी, महिला मंडल की सदस्याएँ और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। श्रोताओं ने अतिथियों के विचारों और काव्यपाठ की सराहना की। हिंदी दिवस उत्सव का यह आयोजन न केवल भाषा के महत्व को रेखांकित करने वाला रहा, बल्कि हिंदी साहित्य के प्रति जनमानस में नई ऊर्जा और जागरूकता जगाने वाला भी सिद्ध हुआ।

Post a Comment

0 Comments