मुंबई। गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले सेन समाज के कर्णधार,समाज के,देश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर हैं जिन्होंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के रहते कोई महल अटारी व खेत खलिहान बनाया नहीं बनाया, मोटरसाइकिल,कार तक नहीं ली। जबलपुर के रहने वाले वरिष्ठ समाजसेवी एवं वरिष्ठ कलमकार साहित्यकार कवि अंजानदास माथुर कर जबलपुरी ने बताया कि ऐसों आराम हेतु प्राप्त करने में रुची बनाई, नहीं बनाई।जबकि पद् में रहते हुए, पैतृक गांव में पिता का अपमान करने वालों पर कोई कारवाही करने का प्रयास भी नहीं किया।सादगी से राजनैतिक जीवन व्यतीत करने वाले स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि 17 फरवरी को है,बिहार के प्रत्येक जिलों, तहसीलों के अलावा हो रहे विधानसभा के चुनाव स्थलों में भी कर्पूरी जी की पुण्यतिथि कार्यक्रम राजनैतिक पार्टियों के साथ साथ सर्वभाषीय नाई न्वाही जातिय समुदाय प्रतिनिधि संस्थाऐ भी आयोजित कर रही हैं लेकिन दोनों बिहार में नाई जातिय के एक गरीब परिवार में जन्मे कर्पूरी ठाकुर को आज पूरा विश्व दलीय
पिछड़ों के मसीहा के रुप में जानता है, सर्वभाषीय संगठन के अध्यक्ष नयन काटकर ने बताया कि संगठन संस्थापक व संगठन कार्यकारणी के प्रथम अध्यक्ष व्यंगकार कवि माथुरकर अनजान जबलपुरी के आव्हान पर पूरे देश की केश शिल्पी संस्थाऐ कर्पूरी जी की पुण्यतिथि कार्यक्रम आयोजित कर सामाजिक एकता का परिचय देगी।पुण्यतिथि में प्रमुख कार्यक्रम जबलपुर के सेठ गोविंददास वार्ड,नागपुर में वाडी के दतवाडी में,हरिकृष्ण माथुरकर निवास में रखा गया है।केश शिल्पी परिवार से जुड़े रिस्तेदारो में अधिकारी, वकील,गायक,कवि शायर, डांसर बन्धुओं से अजय, संजय, सतीश ने उपस्थिति की अपील की है। मुंबई से समाजसेवी,कवि पत्रकार विनय शर्मा दीप ने भी लोगों से अपील की है कि जन-जन के नायक,गरीबों के मसीहा स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर की स्मृति में यह आयोजन सभी सजातीय बंधुओं को करना चाहिए ताकि जो हमारे पूर्वज, वंशज, हमारी धरोहर हैं उन्हें इतिहास के पन्नों में जिंदा रखने की आवश्यकता है तथा उनके मार्गों का अनुसरण हमें और हमारे बच्चों में करने की आवश्यकता है। जिस समाज का इतिहास जिंदा नहीं होता उस समाज का अस्तित्व समाप्त हो जाता है। इसलिए हम सभी को आगे आना होगा और ऐसे महापुरुषों की जयंती एवं पुण्यतिथि मनानी होगी। कर्पूरी ठाकुर भारत सरकार के डाक टिकट पर 1991 में भी सम्मानित हुए।अब हम सभी को भारत सरकार से मांग करने की आवश्यकता है कि अतिशीघ्र स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया जाय।
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