मुंबई। उत्तर प्रदेश के स्कूलों की सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी कक्षाओं में, वैकल्पिक विषय के रूप में मराठी भाषा पढ़ाये जाने की अपील करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व गृहराज्य मंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाशंकर सिंह ने, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कृपाशंकर सिंह ने कहा है कि वे पिछले 50 वर्षों से महाराष्ट्र में रहकर उत्तर प्रदेश खासकर पूर्वांचल और महाराष्ट्र के बीच परंपरागत संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने का काम करते आ रहे हैं। इतने लंबे वर्षों के अनुभव से उन्हें इस बात का एहसास हो चुका है कि प्रतिवर्ष रोजी-रोटी की तलाश में पूर्वांचल से भारी संख्या में प्रतिभाशाली नौजवान महाराष्ट्र आते रहे हैं। मराठी भाषा का ज्ञान ना होने की वजह से यहां आने वाले पूर्वांचल के नौजवानों को ना सिर्फ कई प्रकार की परिवेशीय परेशानियों का सामना करना पड़ता है, अपितु महाराष्ट्र सरकार तथा महानगरपालिका की नौकरियों से वंचित होना पड़ रहा है। राज्य सरकार और महानगरपालिका की नौकरियों के लिए दसवीं कक्षा मराठी के साथ पास होना अनिवार्य है। ऐसी परिस्थिति में उत्तर प्रदेश के स्कूलों की 10वीं और 12वीं कक्षाओं में वैकल्पिक विषय के रूप में मराठी पढ़ाई जाने की सुविधा दी जानी चाहिए। कृपाशंकर सिंह ने कहा कि इससे न सिर्फ महाराष्ट्र में आने वाले यूपी के नौजवानों को सरकारी नौकरी पाने में सुविधा मिलेगी अपितु वे आसानी से महाराष्ट्र की संस्कृति और सभ्यता को पहचान सकेंगे। कृपाशंकर सिंह की अपील पर यदि उत्तर प्रदेश के स्कूलों में वैकल्पिक भाषा के रूप में मराठी की पढ़ाई शुरू कर की जाती है तो प्रतिवर्ष महाराष्ट्र आने वाले हजारों नौजवानों को निश्चित रूप से फायदा मिलेगा।
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