भायंदर। वृद्धाश्रम में सेवा कार्य करने से समाज में सहानुभूति और करुणा की भावना बढ़ती है। मेघाश्रेय संस्था पिछले कई वर्षों से भायंदर पश्चिम के उत्तन स्थित किशनगोपाल राजपुरिया वानप्रस्थ आश्रम में रह रहे बुजुर्ग पुरुष और महिलाओं के बीच सेवा कार्य किया। संस्था की अध्यक्ष सीमा सिंह के अनुसार– बुजुर्गों का सम्मान करना और उनकी देखभाल करना हमारा कर्तव्य है। हमें उनकी सलाह और मार्गदर्शन को महत्व देना चाहिए और उनके अनुभव से सीखना चाहिए । उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जन्म देने वाले और परवरिश करने वाले माता-पिता को कुछ लोग वृद्धाश्रम में रहने के लिए मजबूर कर देते हैं। माता-पिता कष्ट सहकर भी अपनी संतानों को अच्छी शिक्षा देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाते हैं। परंतु यही संताने बड़ी होकर अपने संस्कारों को भूल जाती हैं और अपने उन्हें मां-बाप का अपमान करती हैं जिन्हें भगवान का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के आशीर्वाद और सेवा से ही उन्नति संभव है।
संस्था द्वारा यहां रहने वाले बुजुर्ग महिला और पुरुषों को दीपावली उपहार स्वरूप खाने-पीने और पहनने की सामग्री भेंट की गई। संस्था द्वारा उनके चेहरों पर खुशियां लाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बुजुर्ग महिलाओं की आंखों में आंसू देखकर सीमा सिंह भावुक हो गई। उन्होंने कहा कि संस्था आपके दुख सुख के साथ हमेशा खड़ी रहेगी। हम आपके चेहरे पर खुशियां देखना चाहते हैं। संस्था द्वारा 24 घंटे बुजुर्गों की सेवा की गई तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त किया गया। सीमा सिंह के पुत्र श्रेयस सिंह ने अपने हाथों से सभी बुजुर्ग महिला पुरुषों को खाना परोस कर उन्हें भोजन कराया।
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